प्रधानमंत्री का कहना है कि नोटबंदी का फैसला इसलिए गुप्त रखा गया था ताकि भ्रष्टाचारियों को इसकी भनक भी न लगे. वे विरोधी दलों के विरोध का यह कह कर मजाक उड़ा रहे हैं कि उन्हें ‘तैयारियां’ करने का वक्त नहीं मिल पाया. असली सवाल तो यह है कि क्या प्रधानमंत्री ने अपने दल और मित्रों को नोटबंदी के फैसले की सूचना पहले देकर काला धन निकालने की तैयारी के लिए पर्याप्त समय दे दिया था?
- 8 नवम्बर से कुछ पहले भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पूरे देश में भाजपा के नेताओं को जमीनें खरीदने का आदेश दिया. बिहार और ओडिशा में भाजपा ने अरबों रुपयों की जमीनें खरीदीं. बिहार में भाजपा नेता सुशील मोदी ने माना कि सम्भवतः 300 जिलों में भाजपा ने जमीनें खरीदी हैं. इतना पैसा भाजपा को कहां से मिला? और नोटबंदी से पहले इतनी खरीदारी, क्या खबर उनके पास पहले से थी?
- मोदी और अमित शाह ने भाजपा केे सांसदों व विधायकों से कहा है कि वे 8 नवम्बर के बाद के खाते जमा करायें. लेकिन 8 नवम्बर के पहले वाले भाजपा पार्टी और नेताओं के खातों के बारे में वे चुप रहे?
- भाजपा ने उत्तरप्रदेश में सभी विधानसभा क्षेत्रों के लिए मोटरसाइकिलें खरीदी हैं. इतनी बड़ी खरीद के लिए भाजपा को रकम कहां से मिली? भाजपा नेता यह भी कह रहे हैं कि उत्तरप्रदेश में भारी मात्रा में रिजर्व बैंक के जरिए कैश भेजा जायेगा ताकि विधानसभा चुनाव से पहले लोगों का गुस्सा कुछ ठण्डा किया जा सके.
- 17 दिसम्बर को समाचार एजेन्सी आई.ए.एन.एस. ने बताया कि उत्तरप्रदेश में रिजर्व बैंक ने एक विशेष हवाई जहाज से 5000 करोड़ रुपये भेजे हैं. उत्तरप्रदेश के भाजपा नेता इस बात का खूब प्रचार भी कर रहे हैं. अगर यह खबर सही है तो यह एक और बहुत बड़ा घोटाला है, क्योंकि भारतीय रिजर्व बैंक स्वायत्त है और इसका काम किसी राजनीतिक दल का औजार बन कर चुनाव वाले एक राज्य में खासतौर पर ज्यादा पैसे भेजने का नहीं है, जबकि पूरा देश कैश की कमी से जूझ रहा है.
भाजपा के इस नोटबंदी घोटाले की किसी स्वतंत्र एजेन्सी से जांच जरूर करवाई जानी चाहिए !