निरीह गरीब-दलित दिन दहाड़े मौत के तांडव में जान गंवा दें, 16 साल न्यायिक नौटंकी उच्च न्यायालय तक पहुंचकर यह कहे कि जनसंहार तो हुआ, पर किया किसने यह मालूम नहीं, तेइस अभियुक्तों को बरी करे- इस संदेह के साथ कि सब कुछ तुम्हारा है... देश, सरकार, पुलिस, न्यायालय, अखबार, पत्रकार ... जाओ ऐश करो, खुशियां मनाओ ...
बथानी टोला में आज 21 गरीब फिर सूली पर चढ़ा दिए, ... रणवीर सेना इस बार सामने नहीं थी, बल्कि भारतीय राज्य का वह चेहरा सामने आया जो रणवीर सेना के उस समय पीछे था जब उसने बिहार में कई जघन्य अपराध किए थे, जिनमें बथानी टोला का जनसंहार भी एक था।