बथानी टोला के लिए न्याय

बथानी टोला जनसंहार मामले में निचली अदालत ने जिन 23 हत्यारों को सजा सुनाई थी, उसे पलटते हुए पटना उच्च न्यायालय द्वारा उन तमाम हत्यारों को साफ बरी करने के आदेश ने देश भर के लोगों को मर्माहत और आक्रोशित कर दिया है. इस अन्यायपूर्ण न्यायादेश ने सामंती भूस्वामी सेना -- रणवीर सेना द्वारा 1990 के दशक में बिहार के ग्रामीण इलाकोें में किये गये जनसंहारों के पीड़ितों के लिये न्याय के सवाल को ज्वलंत सवाल बना दिया है. इस पुस्तिका में हम उन जनसंहारों की सामाजिक व राजनीतिक पृष्ठभूमि और न्याय के लिये चले विविध स्तरीय संघर्षों को सामने लाने का प्रयास कर रहे हैं. हम उन हत्यारी ताकतों को मिलने वाले राजनीतिक संरक्षण और उन वीभत्स कांडों में राजनीतिक संलिप्तता तथा न्याय के लिये जारी संघर्ष का भी ब्यौरा प्रस्तुत कर रहे हैं. यह पुस्तिका अविलम्ब न्याय के लिए एक आह्नान है -- सामंती-साम्प्रदायिक जनसंहार करने वालों के विरुद्ध न्याय, बथानी टोला और बिहार के लोगों के लिए न्याय, एक समतामूलक व शोषणमुक्त समाज के लिए लड़ रही और अपने संघर्षों की राह में चरम बर्बरतापूर्ण कोशिशों के सामने कभी न झुकने वाली बिहार की जनता के लिए न्याय.

 

दुनिया भर के लुटेरों में शामिल हुई मोदी सरकार

 

 

(इस पुस्तिका के कवर पेज पर छपा फोटो देखिए. वृद्ध पूर्व सैनिक नन्दलाल गुड़गांव स्टेट बैंक में लाइन से धक्कामुक्की में बाहर हो गये और फूट फूट कर रोने लगे.)